ZAKIR HUSSAIN
ग्रैमी अवार्ड 2024 में भारत का नाम गर्व से ऊँचा करने वाले ZAKIR HUSSAIN को कौन नही जानता है |जी हां तबला उस्ताद ZAKIR HUSSAIN जनके तबले की धुन पर पूरी दुनिया नाची है |
आज हम ZAKIR HUSSAIN जी का जीवन परिचय पढेंगे यह बहुत मशहूर एक तबला वादक है |तबला वादन में शिखर को छूने वाले जाकिर हुसैन का जन्म 9 मार्च सर 1952 को मुंबई में हुआ था| 5 वर्ष की आयु से आपको अपने पिता प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद अल्ला रक्खा ख़ां के द्वारा तबले की जो शिक्षा है वह मिलने प्रारंभ हो गई थी| 5 वर्ष की आयु से ही उन्होंने अपने पिता से तबले की जो शिक्षा है वहीं स्टार्ट कर दी थी|
जन्म | 9 मार्च 1951 |
पिता | उस्ताद अल्लाह रक्खा |
पत्नी | एंटोनिया मिनेकोला |
जन्म स्थान | मुंबई तब बाम्बे |
पेशा | तबला वादन |
विधाये | शास्त्रीय संगीत ,ज्याज फ्यूज़न,विश्व संगीत |
वाध्ययंत्र | तबला |
वेबसाइट | WWW.ZAKIRHUSSAIN.COM |
शिक्षा
उस्ताद ZAKIR HUSSAIN ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा St. Michael’s High School महिम और उच्च शिक्षा St. Xavier’s College,मुंबई से की|
व्यक्तिगत जीवन
ZAKIR HUSSAIN जी ने पत्नी का नाम एंटोनिया मिनेकोला है जो कि पहले उनकी मेनेजर थी |एंटोनिया मिनेकोला पेशे से एक डांसर और शिक्षक है | उन दोनों की दो प्यारी पुत्रियाँ अनीसा कुरैशी और इसाबेला कुरैशी है |
इनके आलावा ZAKIR HUSSAIN के 3 भाई और 2 बहन भी थी जिनमे एक बहन बिलकिस की मृत्यु उनके जन्म से पहले हो चुकी थी और एक बहन रजिया की मृत्यु मोतियाबिन्द के ऑपरेशन के दौरान हुई थी |उनके भाई मुन्नवर की मृत्यु भी एक पागल कुत्ते के काटने से हुई थी |
अब उनके दो भाई बचे है एक का नाम है तौफीक कुरैशी और एक का नाम है फजल कुरैशी|तौफीक कुरैशी तालवादक है वहीँ दूसरी और फजल अपने बाद भाई ZAKIR HUSSAIN की तरह एक तबला वादक है |
करियर
प्रारंभिक शिक्षा और कॉलेज के बाद ZAKIR HUSSAINने कला के क्षेत्र में अपने आप को स्थापित करना शुरू कर दिया|1973 में उनका पहला एलबम “लिविंग इन द मैटेरियल वर्ल्ड” आया था| उसके बाद तो जैसे ज़ाकिर हुसैन ने ठान लिया कि अपने तबले की आवाज़ को दुनिया भर में बिखेरेंगे|1979 से लेकर 2007 तक ज़ाकिर हुसैन विभिन्न अंतरराष्ट्रीय समारोहों और एलबमों में अपने तबले का दम दिखाते रहे|
ज़ाकिर हुसैन भारत में तो बहुत ही प्रसिद्ध हैं साथ ही साथ विश्व के विभिन्न हिस्सों में भी समान रूप से लोकप्रिय है|1988 में जब उन्हें पद्म श्री का पुरस्कार मिला था तब वह महज 37 वर्ष के थे और इस उम्र में यह पुरस्कार पाने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति भी थे| इसी तरह 2002 में संगीत के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्म भूषण का पुरस्कार दिया गया था|ज़ाकिर हुसैन को 1992 और 2009 में संगीत का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार ग्रैमी अवार्ड भी मिला है| 22 मार्च 2023 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया|
ज़ाकिर हुसैन का जीवन और करियर उनकी कठिनाईयों, संघर्षों और सफलताओं की कहानी है, जिसने उन्हें विश्व संगीत के मंच पर एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है|
उस्ताद ZAKIR HUSSAIN के प्रमुख कार्यों के बारे में निम्नलिखित है:
- शास्त्रीय संगीत, ज्याज फ्यूजन, विश्व संगीत: ज़ाकिर हुसैन ने शास्त्रीय संगीत, ज्याज फ्यूजन, और विश्व संगीत के क्षेत्र में अपार योगदान दिया|
- एल्बम: उनका पहला एलबम “लिविंग इन द मैटेरियल वर्ल्ड” 1973 में आया था. उन्होंने 1979 से 2007 तक विभिन्न अंतरराष्ट्रीय समारोहों और एल्बमों में अपने तबले का दम दिखाया|
- ग्रैमी अवार्ड: उन्हें 1992 और 2009 में संगीत का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार ग्रैमी अवार्ड भी मिला|
- फिल्म संगीत: उन्होंने जेम्स आइवरी की “हीट एंड डस्ट” और सई परांजपे की “साज़”, और बर्नार्डो बर्टोलुची (“लिटल बुद्धा”), अपर्णा सेन (“मिस्टर एंड मिसेज आयर”) और इस्माइल मर्चेंट (“इन कस्टडी”, “द मिस्टिक मास्सेज”) जैसे निर्देशकों के लिए संगीत स्कोर किया|
- विश्व संगीत आंदोलन: ज़ाकिर हुसैन को विश्व संगीत आंदोलन के मुख्य स्थापक माना जाता है, जिसमें उनके अनेक ऐतिहासिक सहयोग शामिल हैं, जैसे कि शक्ति, रिमेम्बर शक्ति, दिगा, प्लैनेट ड्रम और उनका हमेशा बदलता हुआ संगीतिक दावत, मास्टर्स ऑफ परकशन|
किताब
ZAKIR HUSSAIN : A LIFE IN MUSIC नामक एक किताब इस महान तबला वादक के नाम पर लिखी गयी |इसे लिखने वाले लेखक का नाम है नसरीन मुन्नी कबीर जिन्होंने ये किताब 2016-17 के बीच ZAKIR HUSSAIN के हुए साक्षात्कारों की कड़ीयो को जोड़कर लिखा|
पुरुस्कार
4 फरवरी 2024 को उनके एल्बम “THIS MOMENT” के लिए ग्रैमी अवार्ड मिला |
1998 में पद्म श्री |
2002 में पद्म भूषण |
2023 में पद्म विभूषण |
1990 में इंडो-अमेरिकन पुरस्कार |
1990 में भारत सरकार द्वारा संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार |
1992 में पहली ग्रैमी |
2006 में कालिदास सम्मान |
2009 में ग्रैमी अवार्ड |
2012 गुरु गंगाधर प्रधान लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड |
2017 सैन फ्रांसिस्को जैज सेण्टर टाइम अचीवमेंट अवार्ड |
2019 संगीत नाटक अकादमी |
2022 मुंबई विश्वविद्यालय दवार डॉक्टर ऑफ़ लॉ |
2022 को जापान का सर्वोच्च क्योटो पुरस्कार |